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Kanwar yatra 2024: धनेश्वरनाथ मंदिर में सावन की पहली सोमवारी पर उमड़ेगा शिवभक्तों का सैलाब

सावन महोत्सव के पहले दिन निकाली जाएगी कलश जल सह शोभा यात्रा, रविवार को ही होना था सिंगासनी महोत्सव का आगाज, प्रशासन के निर्णय पर अब सोमवार की सुबह निकाली जाएगी कलश जल सह शोभायात्रा

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GOPALGANJ: जिले अंतर्गत बैकुंठपुर प्रखंड के सिंगासनी गांव स्थित ऐतिहासिक धनेश्वरनाथ मंदिर में सावन की पहली सोमवारी पर आस्था का सैलाब उमड़ेगा। पहले दिन से ही मंदिर में रुद्राभिषेक का सिलसिला शुरू होगा। यहां प्रतिदिन पवित्र शिवलिंग पर सुबह में रुद्राभिषेक का आयोजन किया जाता है। संध्या के समय महाआरती में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। सावन महोत्सव के पहले दिन कलश जल सह शोभा यात्रा निकाली जाएगी। हालांकि महोत्सव का आगाज रविवार से ही होना था। लेकिन प्रशासन के निर्णय पर अब सोमवार की सुबह ही कलश जल सह शोभायात्रा निकाली जाएगी। पहली सोमवारी पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पवित्र शिवलिंग पर जलाभिषेक करेंगे। कई श्रद्धालु सारण जिले के डोरीगंज स्थित गंगा नदी एवं डुमरियाघाट स्थित नारायणी नदी से जल भरकर पवित्र शिवलिंग पर जलाभिषेक करेंगे। 19 अगस्त तक चलने वाली सावन महोत्सव को लेकर मंदिर परिसर में रविवार से ही चहल-पहल शुरू हो गई है। श्रावणी मेले को लेकर मंदिर परिसर के आसपास दुकान सजने लगी है। फर्नीचर मेला यहां शनिवार से ही सज रहा है। इस बार श्रावणी मेले में एक से बढ़कर एक लेटेस्ट मॉडल की आकर्षण फर्नीचर व्यवसायियों ने उतारी है। मेले में खेल, तमाशा, झूला सहित मनोरंजन के अन्य साधन लगाए जा रहे हैं। मंदिर परिसर में जल, फूल, बेलपत्र, भांग, धतूरा सहित अन्य पूजन सामग्री की दुकान भी सज रही है। ‌सदर अनुमंडल पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी नंदकिशोर साह, अंचल पदाधिकारी गौतम कुमार सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों ने मंदिर परिसर में चल रही तैयारी का अंतिम रूप से जायजा लिया।

सिंगासनी गांव स्थित ऐतिहासिक धनेश्वरनाथ मंदिर

द्वापर युग से जुड़ा है ऐतिहासिक धनेश्वरनाथ मंदिर का इतिहास 

ऐतिहासिक धनेश्वरनाथ मंदिर का इतिहास द्वापर युग से जुड़ा है। सारण गजट के अनुसार महाभारत की लड़ाई संपन्न होने के बाद धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने पांचों भाइयों व पत्नी द्रौपदी के साथ भगवान श्री कृष्ण की उपस्थिति में यहां राजसुय महायज्ञ किया था। महायज्ञ से संबंधित कई साक्ष्य पुरातत्व विभाग को मिल चुके हैं। इससे मंदिर के ऐतिहासिक होने का प्रमाण मिलता है। यहां श्रावणी महोत्सव के दौरान सीमावर्ती सारण, सिवान, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली व सीमावर्ती राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत पड़ोसी राज्य नेपाल से श्रद्धालु पूजा-अर्चना एवं जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं।

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डुमरिया गांव के नागेश्वरनाथ मंदिर में भी शिवभक्तों की उमड़ेगी भीड़

डुमरिया गांव स्थित ऐतिहासिक नागेश्वरनाथ मंदिर में भी सोमवार से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगेगी। यहां अन्य दिनों की अपेक्षा सावन की शुक्रवारी एवं सोमवारी पर अप्रत्याशित भीड़ जुटती है। नागेश्वरनाथ का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है। जनश्रुति है कि नेपाल के जनकपुर में स्वयंवर के बाद भगवान श्रीराम एवं माता सीता इसी रास्ते से अयोध्या गए थे। नारायणी नदी में स्नान करने के बाद भगवान श्री राम एवं माता सीता ने नागेश्वरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना किया था।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधा को लेकर प्रशासन अलर्ट

धनेश्वरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा को प्रशासन अलर्ट मूड में है। यहां जिला प्रशासन ने मुकम्मल व्यवस्था की है। मंदिर परिसर में लाइट साउंड एवं टेंट की बेहतर व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं के लिए मेडिकल टीम की व्यवस्था की गई है। कंट्रोल रूम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से प्रतिनियुक्त चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी तबियत खराब होने की स्थिति में श्रद्धालुओं का समुचित इलाज करेंगे। विशेष परिस्थिति से निपटने के लिए अग्निशमन दल एवं एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। 112 नंबर की गाड़ी प्रखंड मुख्यालय से लेकर मंदिर परिसर तक पेट्रोलिंग करेगी।

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