पटना Live डेस्क। राजधानी पटना के पश्चिमी क्षेत्र के बिहटा में अपराधियों के बीच पुलिस का क्या खौफ बचा है,ये बात अब किसी से छिपी नहीं है। पटना पुलिस को ठेंगे पर रखते हुए अपराधियों ने फिर से खुल्लम खुला खूनी खेल खेला है। बिहटा वासियों ने कहा कि अगर बिहटा में अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है तो इसका जिम्मेदार वरीय अधिकारी भी हैं। सिर्फ वरीय अधिकारी ऑफिस में बैठकर अपने ड्यूटी निभाने में लगे हुए हैं। फील्ड वर्क में काम करने के बजाए ऑफिस से ही बैठकर हाके बाजी करते हैं। बिहटा में शायद ही ऐसा कोई दिन होगा जब क्राइम की कोई घटना सामने ना आई हो। भले ही बिहटा पुलिस लगातार अपराधियों पर शिकंजा कस रही हो, लेकिन बिहटा में क्राइम के मामलों में पिछले कुछ समय में बढ़ोत्तरी ही हुई है। इसके पीछे प्रमुख कारण क्या है? क्यों अपराधियों में डर नहीं है? क्यों सरेआम ही अपराध करने में भी अपराधी गुरेज नहीं कर रहे?
बिहटा के लोग अब कहने लगे हैं कि हम खौफ एवं दहशत में जी रहे हैं और सरकार सिर्फ अधिकारियों को निर्देश देने में लगी है! फिलहाल स्थिति चाहे जो हो लेकिन बिहटा में अपराधियों को रोकना पटना पुलिस के लिए चुनौती होगा। हालांकि बिहटा वासियों ने एक स्वर में कहा है कि अब अपराधियों का एनकाउंटर बेहद जरूरी है तभी जाकर अपराधियों में पुलिस का खौफ होगा।बताया जाता है कि बिहटा थाना के भगवतीपुर मोड़ के पास अपराधियों ने पटना से लौट रहे स्कूटी सवार शख्स को घेरकर गोली मार दी और मौके वारदात से फायरिंग करते हुए फरार हो गये। गोली लगने से घायल बिहटा के मुर्गियाचक निवासी मुकेश कुमार को स्थानीय नागरिकों ने आनन फानन में इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
वारदात के जानकारी मिलने के बाद घटनास्थल पर कार्रवाई करने पहुंची पुलिस वारदात को लेकर जांच करने की बात कह रही है। बिहटा में तीन दिन के अंदर ये दूसरे वारदात ने बिहटा पुलिस की कार्यशैली को बढ़ा दिया है। सरेआम हुई ये तीन दिन के अंदर ये दूसरी वारदात से लोगों में पुलिस के खिलाफ तेज गुस्सा है।
बिहटा थानाध्यक्ष सनोवर खान ने कहा कि घटना के पीछे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। मालूम हो कि तीन दिन पहले बिहटा के सिकंदरपुर में भूमि विवाद को लेकर दो गुटों में अंधाधुंध फायरिंग हुई थी। इसमें गोली लगने से हरेंद्र वर्मा की मौत हो गई थी। पुलिस ने मौक-ए-वारदात से 16 खोखा बरामद किया था। घटना के विरोध में लोगों ने आरा-पटना मुख्य मार्ग को सिकंदरपुर के पास दिनभर जाम कर दिया था और पटना पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी किए थे।