BiG News-मेरा कोई गॉड फादर नही कहने वाले निलंबित DIG शफीउल हक की निलम्बन अवधि 6 महिने और बढ़ाई गई
मुंगेर में डीआईजी रहे निलंबित आईपीएस अधिकारी मोहम्मद शफीउल हक की निलम्बन अवधि अगले 6 महिने और बढ़ाई गई मुंगेर सांसद सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के नाम पर जूनियर पुलिसकर्मियों से वसूली के आरोपों से घिरे निलंबित DIG की निलंबन अवधि गृह विभाग ने फिर 180 दिन और बढ़ाते हुए अधिसूचना जारी कर दिया है।
पटना Live डेस्क।बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी व निलंबित डीआईजी मो.शफीउल हक़ का निलंबन पुनः एक बार 180 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है। गृह विभाग द्वारा समीक्षा किए जाने के बाद आईपीएस अधिकारी के निलंबन अवधि अगले 6 महीने के लिए और आगे बढ़ा दिया गया है। वे 24 मई 2023 तक निलंबित रहेंगे। इस फैसले का संकल्प गृह विभाग की तरफ से आज जारी कर दिया गया है। उल्लेखनीय हैं कि विगत एक दिसंबर 2021 से 2007 बैच के आईपीएस अधिकारी मो.शफीउल हक निलंबित है।
उल्लेखनीय है कि मुंगेर डीआईजी के तौर पर तैनाती के दौरान मुंगेर सांसद सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के नाम पर जूनियर पुलिसकर्मियों से वसूली के आरोप में जून 2021 में मुंगेर से मुख्यालय बुला लिया गया था और तब से निलंबित होने तक पुलिस मुख्यालय में 6 महीने तक पदस्थापन की प्रतीक्षा में रहे। इसी बीच आर्थिक अपराध शाखा ने आईपीएस मो. शफीउल हक के खिलाफ जांच की और जांच में एक और चौंकानेवाली बात सामने आई। जांच के दौरान इसमें पता चला कि डीआईजी शफीउल हक एएसआई मोहम्मद उमरान और एक निजी आदमी के जरिए मुंगेर रेंज में आनेवाले जूनियर पुलिस पदाधिकारियों और कर्मचारियों से अवैध उगाही कराते थे। ईओयू ने अपने जांच में पाया कि ASI मोहम्मद उमरान के गलत काम की जानकारी होते हुए भी डीआईजी शफीउल हक ने कोई कार्रवाई नहीं की। उनके इशारे पर पुलिस विभाग के अधिकारियों से वसूली का धंधा चल रहा था। जांच के दौरान गवाही और सबूत जुटाने के करीब छह महीने बाद 01 दिसंबर 2021 को।डीआईजी शफीउल को निलंबित किया गया।
मेरा कोई गॉड फादर नही
बता दें कि उगाही के आरोपों के बीच जून 2021 में मुंगेर से डीआईजी शफीउल हक को मुंगेर से मुख्यालय बुला लिया गया था और पुलिस मुख्यालय में पदस्थापन की प्रतीक्षा में रहे। मुंगेर से तबादले के बाद आयोजित विदाई समारोह में बोलते हुए DIG ने बार-बार ट्रांसफर होने पर नाराजगी जाहिर की थी। अपने संबोधन में मोहम्मद शफीउल हक ने कहा था कि वे अच्छे मूड में नहीं जा रहे।उन्होंने भावुक होते हुए कहा था कि मेरा कोई वाया नहीं है,मेरा कोई रिलेशन नहीं है। मेरा कोई गॉडफादर नहीं है। 27 साल की नौकरी में अबतक 21 बार तबादला हो चुका है।हमलोग जनता के नौकर हैं और जनता की सेवा करना हमारा काम है। मेरा कोई गॉडफादर नहीं है। मैं जहां भी जाता हूँ काम करने के लिए जाता हूँ।
पुलिस विभाग की ओर से आयोजित विदाई समारोह में डीआइजी ने कहा था कि ट्रांसफर-पोस्टिंग तो नौकरी में लगी ही रहती है,लेकिन काम करने का मौका मिलना चाहिए। काफी कम समय में उन्होंने मुंगेर में अनेक मामलों में लोगों को न्याय दिलाने का काम किया। वास्तव में एक पुलिस पदाधिकारी की नजर शेर की तरह होनी चाहिए जो दिख जाय उसे छोड़ा नहीं जाय। पुलिस जनता के लिए काम करती है जनता का नौकर है।