गोपालगंज: नवनियुक्त प्रधान शिक्षकों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला-सह-उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन रविवार को अंबेडकर भवन में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी योगेश कुमार ने मंत्री का स्वागत पौधा भेंट कर किया।
शिक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सभी नवनियुक्त प्रधान शिक्षक विद्यालय की रीढ़ हैं। अब उनके कंधों पर शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने और विद्यालय संचालन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा – प्रधान शिक्षक केवल पदाधिकारी नहीं, बल्कि नेतृत्वकर्ता हैं। जिम्मेदारी को ईमानदारी और लगन से निभाना ही सच्चा नेतृत्व है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में बिहार ही एक ऐसा राज्य है, जहां प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षकों की बहाली हुई है। सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
निर्धारित समय से पांच घंटे देर से पहुंचे मंत्री
कार्यशाला का समय दोपहर एक बजे तय था, लेकिन शिक्षा मंत्री शाम करीब छह बजे पहुंचे। इस दौरान हॉल में मौजूद करीब 750 प्रधान शिक्षकों को लगभग पांच घंटे इंतजार करना पड़ा। लंबे इंतजार के बावजूद कार्यक्रम में शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी रही। कई शिक्षकों ने कार्यशाला को उपयोगी बताया और कहा कि इससे उन्हें नई जिम्मेदारियों और कार्यप्रणाली को समझने का अवसर मिला।
कार्यक्रम का उद्देश्य और गतिविधियां
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रधान शिक्षकों को विद्यालय संचालन, प्रशासनिक दायित्व, शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार और शिक्षा विभाग की नीतियों से अवगत कराना था। इस दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी योगेश कुमार ने प्रधान शिक्षकों को विद्यालय संचालन से जुड़ी चुनौतियों और उनके समाधान पर विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर डीपीओ (स्थापना) मो. साहेब आलम, सर्वशिक्षा अभियान के डीपीओ मुकेश कुमार और प्रवीण कुमार सहित शिक्षा विभाग के कई अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यशाला के दौरान प्रधान शिक्षकों के बीच उन्मुखीकरण से संबंधित पुस्तिकाएं वितरित की गईं, ताकि वे अपनी भूमिकाओं और उत्तरदायित्वों को गहराई से समझ सकें।