गोपालगंज: राज्य नागरिक परिषद्, बिहार के उपाध्यक्ष एवं बैकुंठपुर के पूर्व विधायक मंजीत कुमार सिंह ने गुरुवार को मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से मुलाकात कर राम-जानकी पथ के एलाइनमेंट (मार्ग निर्धारण) में संशोधन की मांग की। उन्होंने इस दौरान फैजुल्लाहपुर, बंगला, टेरूआ, मड़वा और बंगला गांव के ग्रामीणों द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन भी मुख्य सचिव को सौंपा।
ग्रामीणों पर विस्थापन का संकट
पूर्व विधायक ने बताया कि प्रस्तावित मार्ग सत्तरघाट पुल से होकर गुजरता है, जिसके दायरे में कई गांवों के आवासीय मकान और जमीनें आ रही हैं। यदि मौजूदा प्रस्तावित एलाइनमेंट पर ही निर्माण कार्य होता है तो ग्रामीणों को विस्थापित होना पड़ेगा। साथ ही राज्य सरकार को भी भूमि अर्जन और मुआवजा भुगतान में भारी राशि खर्च करनी पड़ेगी।
वैकल्पिक रूट का सुझाव
मंजीत कुमार सिंह ने प्रस्ताव रखा कि राम-जानकी पथ का एलाइनमेंट हमीदपुर मोड़ से होकर मड़वा, सोनवर्षा, कृतपुरा, खोम्हारीपुर के पश्चिम होते हुए उत्तर दिशा में सत्तरघाट गंडक पुल तक हरित क्षेत्र में बाईपास के रूप में विकसित किया जाए।
विकल्प स्वरूप उन्होंने सुझाव दिया कि खैरा–सत्तरघाट रोड के दोनों ओर से चौड़ीकरण कर भी इस पथ को बनाया जा सकता है, जिससे विस्थापन और मुआवजे की समस्या कम होगी।
मुख्य सचिव ने दिलाया भरोसा
पूर्व विधायक ने मांग की कि विभागीय स्तर पर एक उच्चस्तरीय टीम गठित कर पूरे मामले की जांच की जाए, ताकि स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके। इस पर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए जांच टीम गठित करने और ग्रामीणों की समस्या का समाधान खोजने का भरोसा दिया।