Fact Finding (Super Exclusive) बिहारी सुकेश चंद्रशेखर वो तिहाड़ से ये बेउर से ठग लिए करोड़ो करोड़ महाठग उज्जव उर्फ नीरज सिंह! बात निकली है तो ज़ज़ साहब तक जाएगी
गज़ब की समानता है दोनों महाठगों में,जेल से मोबाइल के जरिए बेहद शातिराना ढंग से ठगे है करोड़ करोड़,दोनों ऐय्याश दोनो पढ़े लिखे शातिर, दोनो को बड़े बड़े सियासी लोगो से जान पहचान और सरपरस्ती हासिल और शादी की है बड़े घरों में यहां भी खेला है फर्जीखेल,जानिए उज्जवल उर्फ उदय उर्फ भाईजी उर्फ बॉस उर्फ नीरज सिंह की शातिराना खेल को परत दर परत
Patna Live डेस्क। सुकेश चंद्रशेखर ये नाम आपने विगत महिनो में कई बार सुना होगा और मीडिया के विभिन्न मंचों पर देखा होगा। अगर नही तो जान लीजिए कर्नाटक के बेंगलुरु से आने वाले सुकेश चंद्रेशखर को अय्याश जिंदगी जीने के शौक ने शातिर ठग बना दिया। वह जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही ठगी करने लगा था। बेंगलुरु पुलिस ने जब सुकेश को पहली बार पकड़ा था, तब उसकी उम्र सिर्फ 17 साल थी। केस था कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी के बेटे का दोस्त बनकर एक परिवार से 1.14 करोड़ रुपये ठगने का। बेंगलुरु में जब उसकी पोल खुलने लगी तो वह चेन्नै भाग गया। 2007 के बाद से सुकेश ने लगातार ठिकाने बदले। उसे खूबसूरत घरों और लग्जरी गाड़ियों का शौक है। सुकेश ने देश के बड़े शहरों में नामी-गिरामी हस्तियों को अपना शिकार बनाया है।उसके कई नाम है एक नाम ‘बालाजी’ भी है। चंद्रशेखर के खिलाफ देशभर में अब तक 30 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। उम्र 31 साल बताई जाती है।
बिहारी सुकेश चंद्रशेखर यानी ..
आइए,अब आपको बताते है बिहारी सुकेश चंदशेखर यानी औरंगबाद जिले के नबीनगर प्रखंड के चरनी महादेवा गाँव जो बबुआन बहुल गाँव है के निवासी नवीन कुमार सिंह उर्फ उदय उर्फ उज्ज्वल उर्फ बॉस और भी कई नाम है। खैर, बात दोनो महाशातिरो की करे तो नवीन कितना शातिर है आप इस बात अंदाज़ लगा सकते है कि जैसे सुकेश ने 2017 से नई दिल्ली के तिहाड़ व अन्य जेल में रहते हुए भी 200 करोड़ से ज्यादा की ठगी कर ली ठीक इसी तरह नीरज ने भी एक अपने नालन्दा जिले के निवासी अपने मियादी के संग मिल कर बेउर जेल के बैरक से करोड़ो करोड़ की उगाही कर ली।
बैरक से चलता खेल: कृपा बरसाती खाकी
बिहार में जेल के भीतर से इतनी बड़ी उगाही आज तक नहीं वसूली गई होगी। जहां तक याद पड़ता है शायद ही कथित महाजंगल राज़ में भी जेल में बैठकर किसी माफिया ने या किसी गैंगेस्टर ने इतनी बड़ी उगाही नही की होगी। जितना बड़ा खेल नीरज सिंह एंड गैंग ने किया है। लेकिन कहते है न शातिर से भी शातिर अपराधी के पाप का घड़ा भरता है और वो गलतियां करने लगता है। वही नीरज के साथ हुआ भी।
बेउर जेल में सब मैनेज था। ठगी के नाजायज पैसे अधिकारियों से लेकर काराकर्मियों पर दिल खोलकर बरसाया जाता रहा। तभी तो मोबाईल खुलेआम यूज़ होता। खूब पार्टियां होती। साहब के घरों तक फलो की पेटियां व लिफ़ाफ़े नियमित तौर पर गुर्गे पहुचाते। अन्य राज्यो की पुलिस आती तो पटना पुलिस और कारा विभाग के शूरमा सम्भाल लेते। समझे क्या संभालते! है।
लेकिन जेल से जारी खेल से पर्दा तो तब उठा जब पुलिस को शिकायत मिली कि सुकेश ने जेल के भीतर से एक करोबारी परिवार को सरकारी कार्रवाई का डर दिखाकर 50 करोड़ रुपये मांगे थे। उसने डर के मारे रकम दे दी पर जब अहसास हुआ कि धोखा हुआ है तो जुलाई 2021 के आखिरी हफ्ते में शिकायत की गई। मामला आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के पास गया तो केस बड़ा होता चला गया। ठीक ऐसा ही कुछ नीरज एंड कंपनी के साथ भी हुआ। एक ही नम्बर लगातार यूज़ करना और ठगी के दौरान पटना पुलिस के एक बड़े नामवर और हनक वाले इस्पेक्टर को बेटे समेत हाई कोर्ट के वक़्क़ीलों के बेटे बेटियों के एडमिशन के नाम पर “चुना” लगा दिया। फिर तो ख़ाकी और काले कोर्ट ने युद्ध घोष ही कर दिया
बिहार का सुकेश चंद्रशेखर नीरज सिंह!औरंगाबाद वाला
लगभग दो साल से बेउर जेल में निरुद्ध इस शातिर के इशारे पर इसके गैंग के गुर्गे शहर के पॉश इलाक़ों मॉल या प्रॉमिनेंट जगहों पर महज 4 महिने सक्रिय होते है। चुकी उगाही बड़े लोगो से होनी होती है। तामझाम से भरा एक ऑफिस तामीर कर दिया जाता है। सरकारी मेडिकल कॉलेज और निजी मेडिकल कॉलेजों में लिमिटेड सीट और देश की विफोटक आबादी भषड मचती है। रिजल्ट जारी होता है यही पर नीरज का खेल शुरू होता है।
महाखुलास – महादेवा का महाठग
◆ आपको कराएंगे हर मॉडस औरेंडी से बाबस्ता
◆ पत्नी रसूखदार व बड़े घर की पर अब ठगी में पति से कदमताल करते हुए।
◆ सुनाएंगे 6 ऑडियो जिनमे बारी बारी से एक ही शख्स होगा पर भूमिका बदल जाती है। वो कभी एडमिशन इंचार्ज कभी इंस्टिट्यूट का… अर्णव तो कभी कुछ
◆ पत्नी गाँव स्थित आलीशान घर मे तो जीएफ पटना में स्टेट पीसीएस की तैयारी में कर हुई सफल (इसी वर्ष)
महाखुलास – महादेवा का महाठग
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