Morning Bihar
News articles published in Bihar

गोपालगंज: योगदान देने के बाद शिक्षिका ने कहा जीवन में संघर्ष से बड़ा कोई शिक्षक नहीं

पहली बार सुमन ने वर्ष 2011 में विशुनपुर पूर्वी पंचायत के प्राथमिक विद्यालय भोजली में दिया था योगदान

0 484

- sponsored -

- sponsored -

गोपालगंज: विद्यालय में लंबे अरसे तक संघर्ष करने के बाद योगदान देने वाली शिक्षिका ने कहा कि जीवन में संघर्ष से बड़ा कोई शिक्षक नहीं है। शिक्षिका सुमन कुमारी ने अपने संघर्ष की कहानी को साझा करते हुए बताया कि उनका गोपालगंज सदर प्रखंड के विशुनपुर पूर्वी पंचायत के प्राथमिक विद्यालय भोजलि में वर्ष 2011 में नियोजन हुआ था। करीब छह साल तक सेवा देने के बाद पंचायत नियोजन इकाई द्वारा अनियमितता बरतते हुए वर्ष 2017 में उनका नियोजन रद्द कर उनके जगह पर दूसरे शिक्षक को बहाल कर लिया गया। तब से वह नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खाती रही। उन्होंने सबसे पहले जिला अपीलीय प्राधिकार में परिवाद दायर कराया इसके कुछ ही दिनों के बाद जिला अपीलीय प्राधिकार की कार्रवाई बाधित हो गई थी। तब इस मामले को लेकर शिक्षिका सुमन कुमारी ने माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

उच्च न्यायालय ने पुनः इस मामले का निपटारा करने के लिए जिला अपीलीय प्राधिकार गोपालगंज को आदेश दिया। जिला अपीलीय प्राधिकार ने मामले में सुनवाई के दौरान शिक्षक प्रकाश नारायण एवं रुखसाना खातुन के नियोजन को गलत पाते हुए शिक्षिका सुमन कुमारी के चुनौती पर मुहर लगा दिया। इसके साथ ही प्रकाश नारायण एवं रुखसाना खातुन का नियोजन रद्द करने एवं सुमन कुमारी को नियोजन पत्र उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया। इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी से अनुमोदन मिलने के बाद डीपीओ, स्थापना जमालुद्दीन ने बिहार पंचायत प्राथमिक विद्यालय सेवा नियमावली 2020 में दिए गए निहित प्रावधान के तहत शिक्षक प्रकाश नारायण एवं रुखसाना खातुन का वेतन स्थगित करते हुए नियोजन रद्द करने का आदेश प्रखंड एवं पंचायत नियोजन इकाई को दिया।

- sponsored -

- sponsored -

इसके बाद नियोजन इकाई के द्वारा दोनों शिक्षकों को तत्कालिक प्रभाव से सेवा मुक्त कर दिया गया। वहीं सुमन कुमारी को योगदान कराने के लिए प्राथमिक शिक्षा के निदेशक से डीपीओ ने मार्गदर्शन का मांग कर दिया। मार्गदर्शन मिलने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने संबंधित नियोजन इकाई को विद्यालय में अविलंब योगदान कराने का निर्देश दिया। आखिरकार पंचायत नियोजन इकाई ने आदेश जारी कर शिक्षिका सुमन कुमारी को प्राथमिक विद्यालय भोजलि में पुनः योगदान करवा दिया। शिक्षिका ने बताया कि करीब सात वर्षों तक लगातार उन्होंने कार्यालयों का चक्कर लगाया, तब उनके संघर्ष का परिणाम सफल हुआ। उन्होंने कहा कि सत्य को कुछ समय के लिए परेशान किया जा सकता है, लेकिन वह हमेशा के लिए हार नहीं मानता। इसके साथ ही उन्होंने संघर्ष के दिनों में सहयोग करने वाले लोगों के प्रति आभार जताया है।

- sponsored -

- sponsored -

- sponsored -

- sponsored -

Leave A Reply

Your email address will not be published.