Morning Bihar
News articles published in Bihar

BiG News-गज़ब सुशासन है! महज 16 दिन में दूसरी बार CM नीतीश कुमार की सुरक्षा में लगी बडी सेंध फिर त्रिस्तरीय सुरक्षा बना मज़ाक

Blast in CM Nitish Programme बिहार में मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यक्रम में मंगलवार को नालंदा में फिर हमला हुआ। आरोपित युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है। नीतीश कुमार पर इसके पहले महज 16 दिन पहले 27मार्च को बख़्तियार पुर में भी हमला हुआ था। मज़ाक बन गई सीएम की सुरक्षा, अमूमन त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में रहते है CM,इंसान कुत्ते सब फेल पूरी मशीनरी

0 709

- sponsored -

- sponsored -

Patna Live डेस्क। बिहार में सुशासन है। ये दावा सूबे की सरकार का है। मतलब कानून का राज़ है। लेकिन हक़ीक़त का तफसरा करे तो हालात कैसे है इस बात से समझा जा सकता है कि सूबे के मुखिया यानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर महज 16 दिन के अंदर दूसरी बार हमले की कवायद होती है। चाक-चौबंद व्यवस्था के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में 16 दिनों भारी चूक देखी जा रही। वो भी किसी सुदूर जिलो में नही बल्कि पहली कवायद में सुशासन की नाक के नीचे पटना जिले के बख्तियारपुर में एक प्रतिमा पर माल्यार्पण के दौरान एक युवक ने हमला किया था। युवक ने पीछे से आकर मुख्‍यमंत्री पर हमला कर दिया। घटना के बाद सुरक्षा व्‍यवस्‍था पर सवाल खड़े किए गए। यह घटना अभी सभी के जेहन में ताजा है इसी बीच मंगलवार 12 अप्रैल को नालंदा में सिलाव के गांधी हाईस्कूल में मुख्‍यमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान किसी ने पटाखा बम फोड़ा।

                   मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से महज 15 से 18 फीट की दूर हुए इस धमाके के बाद अफरातफरी मच गई। कल्पना करे गर जो यह बम ज्यादा इंटेंसिटी का होता तो तो हालात क्या होते?

Nitish

                          उल्लेखनीय है कि 27 मार्च को पटना के बख्तियारपुर में एक कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार (Nitish Kumar Attacked) को एक युवक ने मुक्का मार दिया था।

तब बख्तियारपुर में मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक के बाद पुलिस मुख्यालय के स्तर से सभी जिलों को सीएम सुरक्षा को लेकर नए सिरे से निर्देश जारी किया गया था। इसमें सीएम की सुरक्षा में सभी मानकों का पालन केंद्र सरकार द्वारा 1991 में गठित वर्मा आयोग की अनुशंसा के आधार पर करने को कहा गया है। इसके तहत मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के लिए आपातकालीन प्लान बनाकर रखने को कहा गया था। आंतरिक और बाहरी घेरे में तैनात सुरक्षाकर्मियों को जिम्मेवारी दी गई थी कि वे किसी बाहरी लोगों को प्रवेश करने से रोकें। कार्यक्रम स्थल पर बिना चेकिंग के किसी व्यक्ति का प्रवेश न हो, इसका भी सख्ती से पालन करने को कहा गया था।

                           साथ ही दावा किया गया था कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा को और चाक चौबंद किया जा रहा है साथ ही उनकी सुरक्षा और कड़ी कर दी गई। लेकिन इन तमाम दावों की पोल महज 16 दिनों बाद खुल गई। साथ ही बिहार पुलिस के पेशेवर होने पर भी सवालिया निशाना लग गया। चूंकि सिक्योरिटी और भीड़ कंट्रोल करने के लिए पुलिसवाले खासतौर पर ट्रेंड होते हैं।वैसे भी यहां पर मुख्यमंत्री के सुरक्षा का मामला था। मगर पूरी मशीनरी फेल हो गई और नालन्दा में सीएम की सभा मे विस्फोट हो गया।

मज़ाक बनी सुरक्षा ? त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा

- sponsored -

- sponsored -

जिस समय विस्फोट हुआ, उस वक्त पंडाल में काफी भीड़ थी। सीएम नीतीश के आसपास सुरक्षाकर्मी तैनात थे। शुरू में लोगों को लगा कि बम विस्फोट या फायरिंग की गई। लोग इधर-उधर भागने लगे, अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। बाद में पटाखा फोड़ने की बात सामने आई। पुलिस ने तुरंत आरोपी को पकड़ लिया। उसकी पहचान नालंदा के इस्लामपुर थाना क्षेत्र के सत्यारगंज निवासी 22 साल के शुभम आदित्य के रूप में हुई है।

Shivam
शुरुआती पूछताछ में शुभम ने बताया कि वो राष्ट्रीय मुद्दे पर सीएम नीतीश से बात करना चाह रहा था। जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार लोगों से मिल कर उनका आवेदन ले रहे थे। सीएम नीतीश ने जब शुभम आदित्य की बात नहीं सुनी तो उसने धमाका कर दिया। पुलिस ने उसके पास से पटाखा और माचिस बरामद किया है।इसका मतलब ये है कि वो पहले से ही बम फोड़ने की नीयत से कार्यक्रम में आया था।

इंसान कुत्ते सब फेल डी एरिया तक पहुचा शख़्स

सुरक्षा जांच के बाद ही सीएम के कार्यक्रम में जाने की अनुमति मिलती है। ऐसे में कहीं ना कहीं सुरक्षा में भारी चूक है। पुलिसवाले अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं। तभी तो सीएम के पास बम और माचिस के साथ कोई शख्स पहुंच गया।

                     नालंदा में हुई घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। शरारती तत्व माचिस और विस्फोटक लेकर डी एरिया में घुस गया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों को भनक तक नहीं लगी। कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में थे, जहां स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर से लेकर सिपाहियों की तैनाती थी।वहीं,सामने वाले घेरे में एसपी और एएसपी रैंक के दो पदाधिकारी थे।

Nitish silaaw                 नियमानुसार, कार्यक्रम से पूर्व श्वान दस्ता और बम निरोधक दस्ता स्थल का निरीक्षण करते हैं। कार्यक्रम पूरा होने तक दोनों स्क्वायड वहीं रहते हैं। इस घटना के बाद दोनों दस्ता की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। खोजी कुत्ते भी विस्फोटक को सूंघ नहीं पाए। देखिए uncut Live video

- sponsored -

- sponsored -

- sponsored -

- sponsored -

Leave A Reply

Your email address will not be published.