सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: शिक्षक की नौकरी और प्रमोशन के लिए TET अनिवार्य
नई भर्ती और प्रमोशन का रास्ता अब सिर्फ TET पास करने से खुलेगा; पुराने शिक्षकों को मिली आंशिक राहत, अल्पसंख्यक संस्थानों पर फैसला लंबित
नई दिल्ली: शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया। अब देशभर में शिक्षक नियुक्ति और पदोन्नति (प्रमोशन) के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना अनिवार्य होगा। अदालत ने स्पष्ट किया कि चाहे नई भर्ती हो या प्रमोशन, TET पास किए बिना किसी को अवसर नहीं मिलेगा।
पुराने शिक्षकों के लिए राहत और शर्तें
सुप्रीम कोर्ट ने पहले से कार्यरत शिक्षकों को कुछ शर्तों के साथ राहत दी है।
जिनकी सेवा समाप्ति में 5 वर्ष से कम समय शेष है → वे बिना TET पास किए कार्यकाल पूरा कर सकेंगे, लेकिन पदोन्नति के लिए परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा।
जिनकी सेवा समाप्ति में 5 वर्ष से अधिक शेष है → उन्हें दो वर्ष के भीतर TET पास करना होगा। ऐसा न करने पर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Compulsory Retirement) दे दी जाएगी। हालांकि, उन्हें पेंशन और अन्य सेवा लाभ मिलते रहेंगे।
अल्पसंख्यक संस्थानों पर फैसला लंबित
कोर्ट ने यह भी कहा कि मुस्लिम, ईसाई या अन्य अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा संचालित स्कूलों पर यह नियम लागू होगा या नहीं, इस पर अंतिम निर्णय 7 जजों की बड़ी बेंच करेगी।
लाखों शिक्षकों पर असर
इस ऐतिहासिक आदेश से देशभर के लाखों शिक्षकों और अभ्यर्थियों पर सीधा असर पड़ेगा। अब शिक्षक बनने या प्रमोशन पाने का रास्ता सिर्फ TET पास करके ही खुलेगा।
👉 सरल शब्दों में कहें तो—
नई भर्ती और प्रमोशन दोनों के लिए TET जरूरी।
5 साल से कम सेवा शेष वाले बिना TET नौकरी पूरी करेंगे, लेकिन प्रमोशन नहीं मिलेगा।
5 साल से अधिक सेवा शेष वालों को 2 साल में TET पास करना अनिवार्य।
अल्पसंख्यक संस्थानों पर अंतिम फैसला अभी बाकी।