गोपालगंज: राज्य भर के शिक्षकों की वेतन विसंगति, सेवा निरंतरता और प्रोन्नति जैसे अहम मुद्दों को लेकर अब समाधान की राह खुलती दिख रही है। शिक्षा विभाग ने मंगलवार को इन विषयों पर विचार के लिए एक नौ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता प्राथमिक शिक्षा निदेशक करेंगे। समिति को विभिन्न संवर्गों के शिक्षकों की समस्याओं का गहन अध्ययन कर ठोस रिपोर्ट देने का जिम्मा सौंपा गया है।
इसी कड़ी में बुधवार को सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी व शिक्षक नेता समरेंद्र बहादुर सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) योगेश कुमार से विशेष मुलाकात की। डीईओ स्वयं इस समिति के सदस्य भी हैं। मुलाकात के दौरान समरेंद्र सिंह ने शिक्षकों की ज्वलंत समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की और उन्हें समिति तक पहुँचाने की अपील की।
शिक्षक नेता ने कहा कि नियोजित शिक्षकों की प्रोन्नति में लगातार विलंब, विशिष्ट शिक्षकों की सेवा निरंतरता से जुड़ी अनिश्चितता, वेतन संरक्षण और वरीयता के अस्पष्ट नियमों के चलते हजारों शिक्षक प्रभावित हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक इन विषयों पर ठोस नीति नहीं बनती, तब तक शिक्षकों में असंतोष बना रहेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि समिति की रिपोर्ट शिक्षकों की वास्तविक स्थिति को ध्यान में रखकर तैयार होगी और सरकार इससे जुड़े ठोस कदम शीघ्र उठाएगी।
समरेंद्र बहादुर सिंह ने शिक्षा मंत्री, अपर मुख्य सचिव और विभागीय अधिकारियों से भी आग्रह किया है कि शिक्षकों के अधिकारों की अनदेखी न हो। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज की नींव हैं, और उनकी समस्याओं का समाधान राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगा।
इस मौके पर शिक्षक नेता संजय यादव, इंद्रजीत महतो, निजाम अहमद, अनुज यादव, हवलदार मांझी, फिरोज इकबाल, अंकित सिंह, मंटू मिश्रा, महेश बाबू चौधरी, रणजीत सिंह, विनायक यादव, श्याम बाबू सिंह समेत कई शिक्षक मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर से कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।