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गोपालगंज: विद्यालय का प्रभार नहीं मिलने से कार्य बाधित, डीडीसी के आदेश के बाद भी नहीं हो सकी जांच

गोपालगंज जिले के भोरे प्रखंड का मामला, गबन की आशंका के बाद जांच का दिया गया था निर्देश, जांच कमिटी पर उठ रहे सवाल

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GOPALGANJ: जिले अंतर्गत भोरे प्रखंड के श्री शंकर उच्च विद्यालय चकिया हुस्सेपुर में प्रभारी प्रधानाध्यापक के दूसरे विद्यालय में योगदान कर लेने के तीन माह बाद भी वित्तीय और गैर वित्तीय प्रभार का आदान-प्रदान नहीं किया गया। इससे विद्यालय में कार्य प्रभावित हो रहा है। विद्यालय में कोई शैक्षणिक या गैर शैक्षणिक गतिविधि करानी हो, स्टेशनरी खरीदनी हो या कोई कार्यक्रम आयोजित करना हो, राशि की समस्या उत्पन्न हो जाती है। किसी तरह मैनेज कर काम चलाया जा रहा है। बताया जाता है कि गत मार्च महीने में मैट्रिक परीक्षा की कापियों का मूल्यांकन कार्य चल रहा था। मुखीराम हाई स्कूल थावे में प्रभारी प्रधानाध्यापक भास्कर प्रसाद के साथ ही विद्यालय के वरीय शिक्षक अमरनाथ झा की ड्यूटी मूल्यांकन कार्य में लगी थी। इसी बीच प्रभारी प्रधानाध्यापक भास्कर प्रसाद का चयन बीपीएससी की ओर से आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा के आधार पर हो गया। अररिया जिले के एक विद्यालय में उनकी पोस्टिंग हो गई।

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इसके बाद भास्कर प्रसाद मूल्यांकन केंद्र से रिलीव होकर प्रभार देने के लिए मूल विद्यालय में आ गए, जबकि वरीय शिक्षक अमर नाथ झा मूल्यांकन कार्य में ही लगे रहे। चूंकि, वरीय शिक्षक अमरनाथ झा मूल्यांकन केंद्र से रिलीव नहीं हुए थे। इस वजह से भास्कर प्रसाद शिक्षकेत्तर कर्मी तथा वहां के पुस्तकालयाध्यक्ष विजय कुमार मिश्रा से ही नो ड्यूज लेकर नए पदस्थापना वाले विद्यालय में अररिया जाकर योगदान कर लिए। जाते समय उन्होंने आश्वासन दिया था कि 15 दिन के अंदर आकर वित्तीय और गैर वित्तीय प्रभार वरीय शिक्षक को सौंप देंगे। बाद में जब उन्होंने प्रभार सौंपने की कोशिश की, तब विद्यालय के वरीय शिक्षक अमरनाथ झा ने वित्तीय और गैर वित्तीय अनियमिता का आरोप लगाते हुए प्रभार लेने से इन्कार कर दिया। इसके बाद बीइओ ने प्रभार लेने के लिए दबाव बनाया। इसके बावजूद वह प्रभार लेने को तैयार नहीं हुए। बाद में बीईओ के प्रतिवेदन के आधार पर डीडीसी ने प्रभार नहीं लेने को लेकर वरीय शिक्षक अमरनाथ झा से स्पष्टीकरण पूछा। उन्होंने मामले की जानकारी विद्यालय प्रबंध समिति को दी।

विद्यालय प्रबंध समिति ने भूमि दाता यतींद्र नाथ तिवारी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर यह तय किया कि मामले की उच्च स्तरीय जांच होने के बाद ही प्रभार का आदान-प्रदान किया जाए। इसके बाद प्रबंध समिति में हुए निर्णय के आलोक में वरीय शिक्षक अमरनाथ झा ने उप विकास आयुक्त को आवेदन देकर करीब 1 करोड़ 7 लाख रुपये के गबन की आशंका व्यक्त करते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के बाद ही प्रभार ग्रहण करने की बात कही। इसके बाद डीडीसी ने डीआरडीए के डायरेक्टर के नेतृत्व में मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया। इसमें भोरे बीडीओ तथा गोपालगंज बीईओ को भी शामिल किया गया। समिति को जांच कर 12 जून तक रिपोर्ट देनी थी, लेकिन अबतक जांच नहीं हो पाई। इससे प्रभार मामले का अभी भी निपटारा नहीं हो सका है। अब जांच कमिटी पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी रंजीत पासवान ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

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