गोपालगंज: बेसहारा परिवार के लिए सहारा बने डीएम, वन स्टॉप सेंटर व महिला थाने की पुलिस ने दिलाई सुरक्षित आश्रय
30 वर्षों से दिल्ली में रहता था पीड़ित परिवार, जिला पदाधिकारी के निर्देश पर वन स्टॉप सेंटर और महिला थाना की संयुक्त कार्रवाई से मिला राहत
गोपालगंज: जिले में बेसहारा परिवार के लिए जिला पदाधिकारी प्रशांत कुमार सीएच सहारा बनकर उन्हें सुरक्षित आश्रय समेत तत्काल सहायता पहुंचाया है। बताया जाता है कि एक बेघर महिला, उसकी बेटी व उनके दिव्यांग पति को जिला पदाधिकारी के आदेश पर वन स्टॉप सेंटर व महिला थाने की पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए आश्रय के साथ ही कई आवश्यक सहायता देकर मिशाल कायम की है। बताया गया कि करीब 30 वर्ष पूर्व सदर प्रखंड के हीरापाकड़ निवासी एक दिव्यांग व्यक्ति रोजगार की तलाश में दिल्ली चला गया। वहां नौकरी मिल जाने के कारण वे वहीं रहने लगे। इस बीच घर आना जाना लगा रहा। किंतु वर्ष 2008 में पिता एवं बड़े भाई के मृत्यु के उपरांत पैतृक घर पर बड़े भाई का परिवार रहने लगा तथा धीरे धीरे पूरे घर पर कब्जा भी कर लिया। वहीं वर्षों बाद दिव्यांग व्यक्ति अपने घर लौटे तो भाई-भतीजों ने उनके हिस्से की जमीन व मकान पर कब्जा कर रखा था। घर में घुसने की गुहार पर स्वजन ने बरामदे में थोड़ी सी जगह दी। उसके बाद उन्हें भाई भतीजों के द्वारा किये जा रहे परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसी बीच शुक्रवार को उनकी बेटी और पत्नी से दुर्व्यवहार करते हुए पूरे परिवार को रात्रि में घर से बाहर निकाल कर बेघर कर दिया।
इस घटना के बाद उनकी बेटी ने पहले डायल 112 को कॉल कर अपने पीड़ा से अवगत कराई। इसके बाद जिला पदाधिकारी से सीधे फोन पर मदद की गुहार लगाई। जिला पदाधिकारी प्रशांत कुमार सीएच ने तत्परता दिखाते हुए महिला एवं बाल विकास निगम के वन स्टॉप सेंटर को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का निर्देश दिया। शनिवार को वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक नाजिया मुमताज, पैनल अधिवक्ता निधि कुमारी तथा महिला थाने की दारोगा नम्रता कुमारी के सहयोग से मौके पर पहुंचकर उनके स्वजन से बातचीत कर मामला सुलझाने की अपील की। काफ़ी देर तक बातचीत और परामर्श के बाद पीड़ित के पट्टीदारों ने उनके हिस्से का कमरा खाली करके टीम के सामने सुपुर्द कर दिया। इस कार्रवाई के बाद पीड़िता व उनके परिवार को सुरक्षित आश्रय, सुरक्षा, और आवश्यक सहायता प्रदान की गई। वहीं पीड़ित परिवार के संपर्क में वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक व महिला थाने की पुलिस लगातार बनी रही। ताकि आगे उन्हें कोई कठिनाई नहीं हो। इस वाकया के बाद स्थानीय लोगों ने वन स्टॉप सेंटर और पुलिस प्रशासन तथा जिला पदाधिकारी का आभार जताया है।

जानकारी के अभाव में भटकती हैं महिलाएं, जानें क्या है वन स्टॉप सेंटर
वन स्टॉप सेंटर को सखी वन स्टॉप सेंटर केंद्र के नाम से भी जाना जाता है। इसे महिला हेल्पलाइन के नाम से आमलोग जानते हैं। यह पूरे देश में जिला स्तर पर महिलाओं के खिलाफ हिंसा की रोकथाम एवं पीड़ित महिलाओं को त्वरित और एकीकृत सहायता प्रदान करने के लिए बनाया गया है। वन स्टॉप सेंटर की सेवाओं में आपातकालीन आश्रय, पुलिस सहायता, चिकित्सीय सहायता, कानूनी सहायता व परामर्श
मनोवैज्ञानिक तथा सामाजिक परामर्श तथा पुनर्वास सेवाएं शामिल हैं। वन स्टॉप सेंटर पीड़ित महिलाओं को एक ही छत के नीचे आवश्यक सभी सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्पित है। ताकि महिलाओं को इधर-उधर भटकने से त्वरित राहत मिल सके।
महिला सुरक्षा तथा सशक्तिकरण के लिए 181 डायल करने के लिए किया गया आगाह
जिला पदाधिकारी ने महिलाओं से उनकी सुरक्षा और सहायता के लिए 181 महिला हेल्पलाइन डायल करने के लिए आगाह किया है। उन्होंने बताया कि यह केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई एक आपातकालीन सेवा है। इस हेल्पलाइन पर 24 घंटे में कभी भी संपर्क कर अपनी समस्या से अवगत कराया जा सकता है। यह घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, उत्पीड़न, सामाजिक अत्याचार आदि मामलों में त्वरित सहायता और परामर्श भी प्रदान करती है। महिलाएं इस नंबर पर कॉल करके कानूनी, चिकित्सा, काउंसलिंग व आश्रय तथा कौशल विकास एवं अन्य सरकारी योजनाओं से जुड़ाव की सुविधा पा सकती हैं।