गोपालगंज: राजद–कांग्रेस के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां पर की गई अभद्र टिप्पणी के खिलाफ भाजपा द्वारा आयोजित बिहार बंद की गूंज पूरे प्रदेश में सुनाई दी। इसी क्रम में बैकुंठपुर के पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी ने बंद की सफलता को जनभावनाओं की जीत और बिहार की संस्कृति का उज्ज्वल संदेश बताया।
पूर्व विधायक ने कहा कि प्रधानमंत्री पद सिर्फ एक संवैधानिक दायित्व नहीं, बल्कि देश की अस्मिता और सम्मान का प्रतीक है। मां को अपशब्द बोल देना केवल नरेंद्र मोदी का नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति का अपमान है। यह घटना बिहार की पहचान को कलंकित करने जैसी थी, लेकिन जनता ने शांतिपूर्ण तरीके से इसका सशक्त जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने जिस एकजुटता के साथ इस बंद को सफल बनाया, उसने स्पष्ट कर दिया कि यहां का समाज आज भी अपने संस्कार, पारिवारिक मूल्यों और महिलाओं के सम्मान के लिए सजग है। यह आंदोलन किसी राजनीतिक दल का नहीं, बल्कि जनभावनाओं का था। इसमें हर वर्ग, हर समुदाय ने भाग लेकर यह संदेश दिया कि अपशब्द की राजनीति को बिहार बर्दाश्त नहीं करेगा।
राजद और कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इन दलों ने राजनीतिक मर्यादाओं को तार-तार कर दिया है। उनकी भाषा और व्यवहार में न जनता का सम्मान झलकता है, न लोकतंत्र के प्रति जवाबदेही।
भाजपा कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, हर कार्यकर्ता ने इसे व्यक्तिगत आघात समझा और जनता तक अपनी बात पहुंचाई। नरेंद्र मोदी केवल प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की भावनाओं के प्रतीक हैं।
अपने वक्तव्य के अंत में उन्होंने कहा कि बिहार ने इस बंद के माध्यम से पूरे देश और दुनिया को संदेश दिया है कि यहां विकास, सम्मान और मर्यादा की राजनीति ही चलेगी, अपमान और अपशब्द की राजनीति नहीं चलने वाली है।